
पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा
चंडीगढ़ः पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को बड़ी राहत मिली है। प्रताप सिंह बाजवा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा और अगली सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। बाजवा को संबंधित मामले में प्रेस स्टेटमेंट जारी करने पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई है।
बाजवा के खिलाफ इस केस दर्ज हुई है एफआईआर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। “पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं” बाजवा के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस मामले में बाजवा से पूछताछ भी हुई है। बाजवा पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 197(1)(डी) (देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली झूठी और भ्रामक सूचना) और 353(2) (दुश्मनी और नफरत या दुर्भावना पैदा करने के इरादे से झूठे बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कांग्रेस नेता पर भ्रामक जानकारी देने का आरोप
कांग्रेस नेता पर देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली भ्रामक जानकारी देने समेत कई आरोप लगाए गए थे। बाजवा के वकील ए.पी.एस. देओल ने कहा कि एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की गई है। देओल ने कहा कि बाजवा के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।
बाजवा ने किया था ये दावा
बता दें कि एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बाजवा ने दावा किया था, “मुझे पता चला है कि पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं। इनमें से 18 फट चुके हैं, 32 अभी फटने बाकी हैं।” 13 अप्रैल को पंजाब पुलिस की एक टीम बाजवा के आवास पर गई और उनके बयान के सोर्स के बारे पूछताछ की। इस बयान के बाद बाजपा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी लेकिन अब हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि बाजपा को अभी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
