

गगहा के घेवरपार गांव में चल रही भगवत कथा में उमड़ा भक्तों का सैलाब — “भगवत कथा का दूसरा नाम अमर कथा” : आचार्य महेंद्र नाथ पाण्डेय
गोरखपुर। गगहा विकास खंड के अंतर्गत ग्राम सभा घेवरपार में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या से पधारे आचार्य महेंद्र नाथ पाण्डेय ने भक्तों को अमृतमय कथा का रसपान कराया। कथा के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि “भगवत कथा का दूसरा नाम अमर कथा है”, क्योंकि यह कथा जीवन को अमरत्व और आत्मिक शांति प्रदान करती है।
आचार्य पाण्डेय जी ने कथा प्रसंग में कहा कि सबसे पहले यह कथा नारद जी ने सनत, सनक, सनंदन ऋषियों से सुनी, बाद में पार्वती जी के आग्रह पर भगवान शिव ने उन्हें यह अमर कथा सुनाई। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पार्वती जी ने केवल चार दिन तक ही कथा सुनी, उसके बाद वे निद्रा में चली गईं। कथा का शेष भाग एक जीव ने सुना और वह जीव अमर हो गया, जिसे आगे चलकर श्री शुकदेव जी महाराज के रूप में जाना गया। जब भगवान शंकर को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने उस जीव पर त्रिशूल प्रहार किया, लेकिन वह अमर हो चुका था।
आचार्य पाण्डेय ने बताया कि भगवत कथा श्रवण करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में पुण्य की वृद्धि होती है। उन्होंने पार्वती और शिव संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान शंकर अपने गले में जो मुंडमाला धारण करते हैं, वह पार्वती जी के प्रति उनके अमर प्रेम का प्रतीक है।
कथा स्थल पर मुख्य यजमान श्री भागवत शाही रहे। कार्यक्रम में श्री निवास शाही, हरी शाही, इंद्रजीत शाही, महेश नारायण शाही, कृपाल शर्मा, अनिल गुप्ता, मुन्नी लाल गुप्ता, बिकानू धोबी, नेवासा, गंगा यादव, दीपक सिंह, रामपृत सिंह, दीपक शाही सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
सप्त दिवसीय यह भगवत कथा आध्यात्मिकता, भक्ति और ज्ञान का संगम बन चुकी है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित होकर भगवान की महिमा का श्रवण कर रहे हैं।
- समाचार लेखक सुरेश राजभर जी हैं जो इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है.
