बौद्ध धर्मगुरु श्री भंते ज्ञानेश्वर जी का निधन — बौद्ध समाज में शोक की लहर


रिपोर्ट : सुरेश राजभर
कुशीनगर। बौद्ध धर्मगुरु श्री भंते ज्ञानेश्वर जी, बर्मा मंदिर, कुशीनगर के निधन का समाचार सुनकर बौद्ध समाज सहित समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने आज दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को सुबह 4:50 बजे लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
श्री भंते ज्ञानेश्वर जी बौद्ध धर्म के महान प्रचारक, अध्यात्मिक मार्गदर्शक और मानवता के उपासक थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भगवान बुद्ध के उपदेशों, करुणा, शांति और सद्भाव के प्रसार में समर्पित कर दिया। उनके स्नेहपूर्ण स्वभाव और ज्ञान की गहराई ने उन्हें देश-विदेश के बौद्ध अनुयायियों के बीच विशेष स्थान दिलाया।
उनके निधन को बौद्ध समाज ने अपूर्व क्षति बताया है। अनेक अनुयायी व श्रद्धालु कुशीनगर और लखनऊ में एकत्र होकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं विधानसभा प्रभारी बांसगांव श्री योगेंद्र बौद्ध ने मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ पहुंचकर भंते ज्ञानेश्वर जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और कहा —
“भंते ज्ञानेश्वर जी का जाना न केवल बौद्ध समाज बल्कि समूची मानवता के लिए गहरा आघात है। उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य भंते ज्ञानेश्वर जी की याद सदैव श्रद्धा और प्रेरणा के साथ जीवित रहेगी।
